शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

साथी हाथ बढ़ाना

अरविन्द गुप्ता जी के प्रयोग देखना हमारे नसीब हुवा .... तब जाना के मेरा मार्ग सही है आदमी काम से बड़ा होता है ॥ काम सही है तो नाम होगाही ....अरविन्द जी ने और उनके सथियोने जो प्रयोग बताये उनका उपयोग मेरे स्कूल के छात्रों को होगाही मेरे कार्यक्रम चलो हमही प्रयोग करे के अंतर्गत भी प्रयोग काम आयेगे

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